धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन के प्रत्येक सोमवार का व्रत रखने और विधिपूर्वक भगवान आशुतोष की पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं सावन सोमवार का महत्व और पूजा विधि।
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सावन सोमवार का महत्व
शिव पुराण के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने से भाग्योदय होता है और भक्तों पर शिव कृपा बनी रहती है। जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए सावन सोमवार का व्रत किया जाता है। सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल प्राप्त होता है और सभी दोष दूर होते हैं। भगवान शिव सभी ग्रह-नक्षत्र और सृष्टि के स्वामी हैं। वे देवों के देव महादेव हैं। जो प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा अर्चना नहीं कर सकते, उन्हें सावन सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अवश्य करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए। महादेव को आशुतोष भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है तुरंत प्रसन्न होने वाला।
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इसके अलावा मान्यता यह भी है कि भगवान शिव सावन मास में धरती पर अपने ससुराल गए थे, जहां उनका भव्य स्वागत जलाभिषेक करके किया गया था। इसलिए, इस महीने में भक्त पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं ताकि उन्हें शिव की कृपा प्राप्त हो सके।
सावन के पहले सोमवार को शिव पूजन की विधि
- व्रत का संकल्प:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान करें।
- हाथ में अक्षत लेकर सावन सोमवार के व्रत का संकल्प लें।
- शिवलिंग पूजन:
- निकट के शिवालय में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद, सुपारी, फल, फूल, भांग, धतूरा आदि पूजन सामग्री अर्पित करें और पूरी विधि विधान से शिवलिंग की पूजा करें।
- कथा सुनना:
- सावन सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो कथा सुनना अनिवार्य माना जाता है।
- कथा सुनने और कहने के बाद शिव मंत्रों का जप करें और आरती करें।
- प्रदोष काल में पूजा:
- प्रदोष काल में भी शिव पूजन अवश्य करें।
- शिव पूजन करने के बाद आप फलाहार कर सकते हैं।
- उपवास करने वाले भक्तों को रात में जमीन पर ही सोना चाहिए।
2024 सावन के सोमवार की तारीखें:
- पहला सोमवार: 22 जुलाई 2024
- दूसरा सोमवार: 29 जुलाई 2024
- तीसरा सोमवार: 5 अगस्त 2024
- चौथा सोमवार: 12 अगस्त 2024
- पांचवां और आखिरी सोमवार: 19 अगस्त 2024
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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सामग्री विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसे केवल जानकारी के रूप में लिया जाना चाहिए। ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है | adhyatmiaura.in इसकी पुष्टि नहीं करता |
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