उत्तर प्रदेश के मेरठ से 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हस्तिनापुर अपने आप में अनेकों ऐतिहासिक और पौराणिक गाथाएं समेटे हुए है | हस्तिनापुर में स्थित कर्ण मंदिर अपने आप में द्वापर युग का गवाह है | यह वही दिव्य स्थल है, जहां देवराज इंद्र को महादानी कर्ण ने अपने कवच और कुंडल दान किए थे | इसी जगह पर सूर्यपुत्र कर्ण देवी कामाख्या की तपस्या कर प्रतिदिन सवा मन सोना भी वरदान स्वरुप प्राप्त करते और उसे प्रतिदिन दान कर देते थे |
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स्थानीय मान्यता के अनुसार माँ कामाख्या कर्ण की कुल देवी थी | सूर्यपुत्र कर्ण रोजाना अपनी कुलदेवी का विधि पूर्वक पूजा-अर्चन करते थे | कर्ण की पूजा से प्रसन्न होकर देवी उनको प्रतिदिन सवा मन सोना आशीर्वाद स्वरुप देती थी | जिसे दानी कर्ण अपनी प्रजा में दान कर देते थे |
इंद्रदेव को कवच कुण्डल का दान
रोजाना की तरह ही एक दिन दानवीर कर्ण सूर्य की पूजा में व्यस्त थे तो उसी समय देवराज इंद्र वह ब्राह्मण के वेश में पहुंचते है और कर्ण से उसका कवच और कुण्डल दान स्वरुप भिक्षा में मांग लेते है | कर्ण बिना किसी संकोच के अपने शरीर के अभिन्न अंग कवच कुण्डल को काट कर उसी समय इंद्र को दान दे देते है इस घटना ने देवराज इंद्र को भी लज्जित कर दिया था | यह छोटा सा विवरण कर्ण की दानवीरता को दिखता है और यह सब इसी स्थल पर हुआ था इसीलिए हमने कहा था की यहाँ स्थान अपने आप में एक बेहद रोचक गाथा समेटे हुए है
अगर सच्चे मन से यहां कामाख्या देवी और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाए तो सभी इच्छाएं पूरी होती है

हस्तिनापुर के इस अनोखे मंदिर को देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से भक्त पहुंचते हैं | हालांकि भक्तो की संख्या कुछ ज्यादा नहीं होती लेकिन जो खोजी मानसिकता के होते है उन्हें दानवीर कर्ण की कहानी खिंच ही लाती है इस ऐतिहासिक स्थान पर | मंदिर के अंदर हमने एक्स्प्लोर किया तो हमें कर्ण से रिलेटेड कुछ खास नहीं दिखा अंदर भोलेनाथ का शिव लिंग भी मिला भक्तों की ऐसी मान्यता भी है कि अगर सच्चे मन से यहां कामाख्या देवी और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाए तो सभी इच्छाएं पूरी होती है.
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adhyatmikaura.in ने स्थानीय लोगो से बातचीत करा तो उनका कहना था कि मंदिर के पास ही पूर्वकाल में माँ कामाख्या देवी की शक्तिपीठ हुआ करती थी और माँ गंगा की निर्मल धारा भी बहती थी लेकिन अब आधुनिक युग में देवी शक्तिपीठ धरती में समा चुकी है और माँ गंगा भी अब समय के साथ सुख कर दूर जा चुकी है |
महत्वपूर्ण जानकारियां – Information
Locality/village : Hastinapur
State : Uttar Pradesh
Country : India
Nearest City/Town : Meerut
Best Season To Visit : Winter & Monsoon season
Temple Timings : 06:00 AM – 09:00 PM
Photography : Allowed
Entry Fees : Free
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कैसे पहुचें – How To Reach
Road : Ganeshpur – Hastinapur Road
Nearest Railway : Meerut Cantt
Air : Indira Gandhi International Airport
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सामग्री विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसे केवल जानकारी के रूप में लिया जाना चाहिए। ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है | adhyatmiaura.in इसकी पुष्टि नहीं करता |
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