हनुमान जी की भक्ति का महत्व
कलियुग में हनुमान जी के 108 नामों का नियमित जाप करने से सभी दुख दूर होते हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं यदि उनके 108 नाम नियमित रूप से लिए जाएं। भगवान श्री रामचंद्र के परम भक्त हनुमान जी महाराज कलियुग के देवता हैं और उनकी भक्ति इस युग में विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है।
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हनुमान जी के 108 नाम
1. केसरी नंदन
2. वागधीक्षाय
3. महाकायाय
4. रामदूताय
5. कुमार ब्रह्मचारिणे
6. महाबलपराक्रमी
7. कपीश्वराय
8. महातपसी
9. रुद्रवीर्य
10. वायु पुत्र
11. वानरेश्वर
12. ब्रह्मचारी
13. आंजनेय
14. महावीर
15. हनुमत
16. मारुतात्मज
17. तत्वज्ञानप्रदाता
18. सीता मुद्राप्रदाता
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19. अशोकवह्रिकक्षेत्रे
20. सर्वमायाविभंजन
21. सर्वबन्धविमोत्र
22. रक्षाविध्वंसकारी
23. परविद्यापरिहारी
24. परमशौर्यविनाशय
25. परमंत्र निराकर्त्रे
26. परयंत्र प्रभेदकाय
27. सर्वग्रह निवासिने
28. सर्वदु:खहराय
29. सर्वलोकचारिणे
30. मनोजवय
31. पारिजातमूलस्थाय
32. सर्वमूत्ररूपवते
33. सर्वतंत्ररूपिणे
34. सर्वयंत्रात्मकाय
35. सर्वरोगहराय
36. प्रभवे
37. सर्वविद्यासम्पत
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38. भविष्य चतुरानन
39. रत्नकुण्डल पाहक
40. चंचलद्वाल
41. गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ
42. कारागृहविमोक्त्री
43. सर्वबंधमोचकाय
44. सागरोत्तारकाय
45. प्रज्ञाय
46. प्रतापवते
47. बालार्कसदृशनाय
48. दशग्रीवकुलान्तक
49. लक्ष्मण प्राणदाता
50. महाद्युतये
51. चिरंजीवने
52. दैत्यविघातक
53. अक्षहन्त्रे
54. कालनाभाय
55. कांचनाभाय
56. पंचवक्त्राय
57. लंकिनीभंजन
58. श्रीमते
59. सिंहिकाप्राणहर्ता
60. लोकपूज्याय
61. धीराय
62. शूराय
63. दैत्यकुलान्तक
64. सुरारर्चित
65. महातेजस
66. रामचूड़ामणिप्रदाय
67. अंजली सुत
68. मैनाकपूजिताय
69. मार्तण्डमण्डलाय
70. विनितेन्द्रिय
71. रामसुग्रीव सन्धात्रे
72. महारावण मर्दनाय
73. स्फटिकाभाय
74. नवव्याकृतपंडित
75. चतुर्बाहवे
76. दीनबन्धवे
77. महात्मने
78. भक्तवत्सलाय
79. अपराजित
80. शुचये
81. वाग्मिने
82. दृढ़व्रताय
83. कालनेमि प्रमथनाय
84. दान्ताय
85. शान्ताय
86. प्रसनात्मने
87. शतकण्ठमदापहते
88. अनघ
89. अकाय
90. तत्त्वगम्य
91. लंकारि
92.भीमसेन सहायकृते
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93. कपीश्वराय
94. महाकायाय
95. कपिसेनानायक
96. रामभक्ताय
97. लंकापुरीविदाहक
98. सुग्रीव सचिवाय
99. पिंगलाक्षाय
100. हरिमर्कटमर्कटाय
101. रामकथालोलाय
102. सीतान्वेणकर्त्ता
103. वज्रनखाय
104. विभीषणप्रियाय
105. वज्रकायाय
106. रामभक्त
107. महातपसी
108. ब्रह्मचारी
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निष्कर्ष
हनुमान जी के 108 नामों का नियमित जाप करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि भौतिक सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है। यह सभी नाम हनुमान जी की महिमा और शक्ति को दर्शाते हैं और उनके प्रति भक्ति और सम्मान प्रकट करने का एक माध्यम हैं।
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