बजरंग बाण के नियमित पाठ का महत्व

बजरंग बाण के नियमित पाठ का महत्व

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी के लिए विशेष रूप से समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाली कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है और उसकी इच्छाएं भी पूरी होती हैं। हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं। प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति को हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

ग्रह दोष समाप्ति

  • ग्रह दोषों का निवारण: बजरंग बाण के नियमित पाठ से कुंडली में उपस्थित ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं।
  • विवाह बाधाएं: विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  • बीमारियों से राहत: गंभीर बीमारियों में राहत मिलती है।
  • कार्यक्षेत्र में सफलता: व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।

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भगवान हनुमान की विशेषताएं

  • कष्ट निवारण: भगवान हनुमान अपने भक्तों के कष्ट, परेशानियां, भय, और रोगों को दूर करते हैं।
  • प्रसन्न होने वाले देव: हनुमानजी जल्दी प्रसन्न होते हैं और आज भी सशरीर पृथ्वी पर विचरण करते हैं।
  • चिरंजीवी: भगवान हनुमान चिरंजीवी हैं।

पूजा-उपासना

  • हनुमानजी की प्रसन्नता: भक्त विधिवत पूजा-उपासना करते हैं ताकि हनुमानजी प्रसन्न हों और मनोकामनाएं पूरी करें।
  • बजरंग बाण का पाठ: सभी इच्छाओं की पूर्ति और भय से मुक्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ किया जाता है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ: हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करना भी हनुमानजी की आराधना का अचूक उपाय माना जाता है।

अन्य लाभ

  • समाज में मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान की वृद्धि होती है।
  • वास्तुदोष निवारण: वास्तुदोष खत्म हो जाते हैं।

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बजरंग बाण का पूर्ण पाठ इस प्रकार है:

दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥


चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥

जन के काज बिलंब न कीजै।
आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा।
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

आगे जाय लंकिनी रोका।
मारेहु लात गई सुरलोका॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा।
सीता निरखि परमपद लीन्हा॥

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा।
अति आतुर जमकातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा।
लूम लपेटि लंक को जारा॥

लाह समान लंक जरि गई।
जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी।
कृपा करहु उर अंतरयामी॥

जय जय लखन प्रान के दाता।
आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥

जै हनुमान जयति बल-सागर।
सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले।
बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥

जय अंजनि कुमार बलवंता।
शंकरसुवन बीर हनुमंता॥

बदन कराल काल-कुल-घालक।
राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर।
अगिन बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की।
राखु नाथ मरजाद नाम की॥

सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै।
राम दूत धरु मारु धाइ कै॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा।
दुख पावत जन केहि अपराधा॥

पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं।
तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥

जनकसुता हरि दास कहावौ।
ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा।
सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥

चरन पकरि, कर जोरि मनावौं।
यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई।
पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल।
ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥

अपने जन को तुरत उबारौ।
सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै।
ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥

पाठ करै बजरंग-बाण की।
हनुमत रक्षा करै प्रान की॥

यह बजरंग बाण जो जापैं।
तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥

धूप देय जो जपै हमेसा।
ताके तन नहिं रहै कलेसा॥ 

दोहा
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

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बजरंग बाण का हिन्दी अर्थ

जो भक्तगण प्रेम और अटूट विश्वास के साथ इन श्लोकों का पाठ करते हैं, उनके सभी कल्याणकारी कामनाओं को हनुमानजी पूरा करते हैं। संतों के हितैषी हनुमानजी की जय हो! कृपया हमारी प्रार्थना सुनें और अपने भक्तों की सहायता में विलम्ब न करें। कृपया शीघ्रता से हमारी समस्याओं का समाधान करें और हमें अपार शांति प्रदान करें।

हे हनुमान, आप समुद्र को पार करने, सुरसा के फैले हुए मुंह में से निकलने, और लंका में उतरकर लंकिनी राक्षसी को हराने के लिए प्रसिद्ध हैं। आपने विभीषण को प्रसन्न किया और सीता के आशीर्वाद से श्रीराम के प्रिय बन गए। आपने अशोक वाटिका को उजाड़ा और अक्षय कुमार को मार डाला। आपकी पूंछ से लंका जल उठी और आकाश में आपकी जयकार गूंज उठी।

अब, कृपया हम पर दया करें। आप अपने भक्तों के मन की बात जानते हैं। लक्ष्मण को जीवन देने वाले आपकी जय हो! हमारे भय को शीघ्र दूर करें। पर्वतधारी हनुमान, आप सुख के सागर हैं, देवताओं में सबसे बुद्धिमान और सबसे कुशल हैं। शत्रुओं (काम, क्रोध, लोभ) को वज्र के प्रहार से नष्ट कर दें।

हे हनुमान, वानरों के स्वामी, मैं तांत्रिक मंत्र “ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं” और “ॐ हुं हुं हुं” से आपकी आराधना करता हूँ। शत्रुओं के वक्षस्थल और सिर पर प्रहार करें। मैं हरि की शपथ लेता हूँ कि मैं जो भी कहता हूँ, वह सत्य है। श्रीराम के दूत, शत्रु पर आक्रमण करने के लिए तुरंत दौड़ें।

हे अथाह हनुमान, आपकी जय हो! आपकी भक्ति में अपराध क्या हो सकता है? आपका यह सेवक पूजा, तप, अनुष्ठान या पुण्य कर्मों के अनुशासन के बारे में कुछ नहीं जानता। आपकी शक्ति पर भरोसा करते हुए, मुझे किसी भी स्थान पर कोई भय नहीं है। मैं आपके चरणों में गिरकर, आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूँ।

जय हनुमान! आप अंजनी के पुत्र और शिव के वीर पुत्र हैं। आपका शरीर भयंकर और भयानक है, और आप मृत्यु के देवता के अनुचरों का भी संहार करते हैं। आप हमेशा श्रीराम के साथ रहते हैं और सभी के कल्याणकर्ता हैं।

सभी दुष्टात्माओं, भूत, प्रेत, पिशाच, राक्षस, अग्नि, विपत्तियों और महामारी का वध करें। भगवान श्रीराम के नाम पर इन सभी का नाश करें, ताकि पवित्र नाम की पवित्रता और सत्यता बनी रहे।

आप श्रीराम और माता सीता के सेवक हैं। आपकी कीर्ति की ध्वनि से आकाश गूंज उठता है, जिससे सभी दुःख दूर हो जाते हैं। मैं आपके चरणों की शरण में आया हूँ और आपसे विनती करता हूँ – इस अत्यावश्यक समय में मैं और किसे पुकारूँ?

उठो, उठो, चलो! मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूँ कि आप कार्य में लग जाएँ। हे तेज-तर्रार हनुमान, मैं आपसे “ओम चं चं चं चं चं” और “ओम हनु हनु हनु हनु” का उच्चारण करके प्रार्थना कर रहा हूँ। बिजली की तरह तीव्रता से प्रहार करें!

हे हनुमान, आपकी तेज गति से दुष्ट भी डर जाते हैं। अपने भक्त की तुरंत रक्षा करें। मुझे आपका स्मरण करके बहुत खुशी होती है। बजरंग बाण से आक्रांत व्यक्ति को कौन बचा सकता है? जो लोग बजरंग बाण का पाठ करते हैं, हनुमान उनकी आजीवन रक्षा करते हैं।

भूत-प्रेत भी बजरंग बाण का जाप करने वालों से डरते हैं। जो लोग आपके सामने अगरबत्ती जलाते हैं और आपका पवित्र नाम जपते हैं, वे सभी शारीरिक कष्टों से मुक्त रहते हैं।

जो भक्त हनुमान के पवित्र नाम का जप प्रेम, विश्वास और भक्ति के साथ करते हैं और उन्हें अपने हृदय में स्मरण करते हैं, हनुमान जी उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।

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