भाग्य खुलने के गुप्त संकेत
भाग्य खुलने के गुप्त संकेत
By Vikas Soni
क्रोधाद्भवति संमोहः संमोहात्स्मृतिविभ्रमः।स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति। अर्थात: क्रोध से मनुष्य की मति, अर्थात बुद्धि, का नाश…
विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति निःस्पृहः।निर्ममो निरहंकारः स शांतिमधिगच्छति।। अर्थात: इस श्लोक में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते…
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ कर्म पर ध्यान केंद्रित करो जब अर्जुन कुरुक्षेत्र…
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥ अर्थात: आत्मा को…
मनुष्य के शरीर में सबसे पहले बाल्यावस्था आती है, जिसमें एक बालक अपने जीवन की…
सृष्टि से पूर्ण परमात्मा में, यह संकल्प हुआ कि मैं एक ही अनेक रूपों में…
मैं, आप और यह सभी लोग पहले नहीं थे, यह बात बिलकुल सही नहीं है,…
जीव में एक तो चेतन परमात्मा का अंश है और एक जड़ प्रकृति का अंश…
परिस्थिति को देखने का नजरिया महाभारत के युद्ध से ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के…