कोलकाता में हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर, देवी काली के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जिसे 64 बीघे के विशाल प्रांगण में स्थापित किया गया है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1856 में रानी रासमणि ने कराया था, और यही वह स्थान है जहाँ स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने माँ काली की आराधना की थी। कहा जाता है रामकृष्ण परमहंस को इसी स्थान पर आध्यात्मिक रूप से दिव्य ज्योति के दर्शन हुए थे तभी से यह स्थान प्रसिद्ध हुआ है।
दक्षिणेश्वर मंदिर का इतिहास और निर्माण
दक्षिणेश्वर मंदिर का निर्माण रानी रासमणि द्वारा 1847 में शुरू किया गया था, जब उन्हें स्वप्न में माँ अन्नपूर्णा के दर्शन हुए थे। स्वप्न के आदेशानुसार, उन्होंने काशी की यात्रा स्थगित कर भागीरथी नदी के तट पर इस मंदिर का निर्माण आरंभ किया। 8 वर्षों की मेहनत और लगभग 8 लाख रुपये की लागत से इस मंदिर का निर्माण पूरा हुआ। मंदिर परिसर में बारह शिव मंदिर भी स्थित हैं, जो शिवजी के विभिन्न रूपों को समर्पित हैं।
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वास्तुकला और परिसर
दक्षिणेश्वर काली मंदिर की वास्तुकला बंगाली स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के मुख्य भाग में माँ काली की मूर्ति स्थित है, जो चाँदी के शतदल पर विराजमान हैं। मंदिर का विशाल प्रांगण, सीढ़ीदार भागीरथी का पक्का घाट, और शांत वातावरण इसे भक्तों के लिए एक आदर्श स्थल बनाते हैं। परिसर में स्थित स्वामी रामकृष्ण परमहंस का कक्ष, जहाँ उन्होंने तीन दशकों तक साधना की, भी विशेष आकर्षण का केंद्र है।
धार्मिक महत्व

दक्षिणेश्वर काली मंदिर न केवल माँ काली की आराधना के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह स्थान रामकृष्ण परमहंस की दिव्य साधना के लिए भी जाना जाता है। यहाँ पर प्रतिदिन षोड्शोपचार पूजा होती है और शिवरात्रि, नवरात्र, और काली पूजा (दीपावली) के अवसर पर विशेष उत्सव मनाए जाते हैं। मंदिर परिसर में स्थित नाट्य मंदिर, जहाँ सामूहिक भक्ति गीत गाए जाते हैं, एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आध्यात्मिक अनुभव और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। रामकृष्ण परमहंस की साधना भूमि के रूप में यह स्थान मन को शांति और एक अनिर्वचनीय आनंद का अनुभव कराता है। यहाँ की यात्रा हर आस्तिक के लिए एक अद्वितीय अनुभव है, जो आत्मा को तेजोद्दीप्त और शुद्ध करता है।
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महत्वपूर्ण जानकारियां – Information
State: West Bengal
Country: India
Nearest City/Town: Kolkata
Best Season To Visit: October to February
Temple Timings: Morning: 6:00 am – 12:30 pm and Evening: 3:30 pm – 7:30 pm
Photography: Not allowed
Entry Fees: Free
कैसे पहुचें – How To Reach
Road: If you prefer to drive, Dakshineswar is accessible via Barrackpore Trunk Road or Vivekananda Road
Nearest Railway: Dakshineswar Railway Station
Air: Netaji Subhas Chandra Bose International Airport
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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सामग्री विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसे केवल जानकारी के रूप में लिया जाना चाहिए। ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है | adhyatmiaura.in इसकी पुष्टि नहीं करता |
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