हरियाणा के धर्मस्थल कुरुक्षेत्र में महाभारत कालीन कई साक्ष्य मौजूद हैं | इन्हीं में से एक स्थान है द्रौपदी कूप | यह दिव्य स्थान महाभारत की रानी द्रौपदी की कहानी आज भी चीख-चीख कर सुनाता है |
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मंदिर के अंदर है एक प्राचीन कुआं जिसे द्रौपदी कूप के नाम से जाना जाता
इस मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर हमें एक प्राचीन कुआं मिला, हमे स्थानीय लोगो से पता चला कि इस प्राचीन कुंवे को ही द्रौपदी कूप के नाम से जाना जाता है | मान्यता है कि रानी द्रौपदी प्रतिदिन इसी कुएं के जल से नहाया करती थी | महाभारत के भीषण युद्ध में महाबली भीम के द्वारा दुर्योधन के छोटे भाई दुशासन की छाती चीरकर उसका रक्त अपनी अंजुली में भरकर भीम यही पर द्रौपदी के पास लाया था और रानी द्रौपदी ने अपने खुले केश को दुशासन के खून से इसी स्थान पर धोया था और इसी के साथ अपनी प्रतिज्ञा भी पूरी की थी | यही वजह है कि इस स्थान का नाम वर्तमान में द्रौपदी कूप पड़ गया |
घटोत्चक पुत्र बर्बरीक का मंदिर

इस स्थान पर भीम पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक (जो की कलयुग में खाटू श्याम के नाम से विख्यात है) की प्राचीन मूर्ति देखने को मिलती है, यहाँ पर लोग दूर-दूर से पूजा करने आते हैं | पौराणिक मान्यता के अनुसार, देवी की कृपा से बर्बरीक (खाटू श्याम) के पास ऐसे 3 दिव्य बाण थे जिससे की वह संसार के किसी भी सेना का अकेले ही संहार कर सकते थे लेकिन बर्बरीक का यह भी प्रण था कि जब दूसरा पक्ष कमजोर पड़ने लगेगा तो वो दूसरे पक्ष की सहायता करने के लिए उसकी और से युद्ध करने को बाध्य हो जायेंगे | तब श्रीकृष्ण ने देखा की ऐसे तो बर्बरीक अधर्म के कमजोर पड़ने पर धर्म को ही त्यागने पर विवश हो जायेंगे और उन्हें अपने प्रण के अनुसार विवश होकर भी अधर्म का साथ देना होगा | और एक समस्या और थी की ऐसे तो कभी कोई परिणाम ही नहीं निकलेगा और केवल नरसंहार होगा | इसीलिए श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश मांग लिए था |
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यही वो कारण कि बर्बरीक की पूजा होती है

महाभारत के अनुसार, जब बर्बरीक ने अपनी इच्छा से स्वयं का शीश श्री कृष्ण को दे दिया था तब श्रीकृष्ण ने कहा, तुमने मुझे आप शीश सम्मान स्वरूप भेंट किया है, इसलिए में तुम्हे वरदान देता हूँ कि कलयुग में तुम्हारी भी पूजा की जाएगी और भक्त तुम्हे खाटू श्याम के नाम से जानेंगे | इसी कारण जब भी श्रद्धालु द्रौपदी कूप को देखने आते हैं तो बर्बरीक (खाटू श्याम) की पूजा भी अवश्य ही करते हैं |
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महत्वपूर्ण जानकारियां – Information
Locality/village : Kurukshetra
State : Haryana
Country : India
Nearest City/Town : Thanesar
Best Season To Visit : All
Temple Timings : 05:00 AM – 09:00 PM
Photography : Allowed
Entry Fees : Free
कैसे पहुचें – How To Reach
Road : Ganeshpur – National Highway 44 (Nh44)
Nearest Railway : Kurukshetra Junction
Air : Chandigarh International Airport
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सामग्री विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसे केवल जानकारी के रूप में लिया जाना चाहिए। ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है | adhyatmiaura.in इसकी पुष्टि नहीं करता |
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