ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश के पूर्वी निमाड़ जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल और पर्यटक आकर्षण है। यह स्थान अमरेश्वर के पास, ओंकारेश्वर रोड रेलवे स्टेशन से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पवित्र धाम का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक अनुभव के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति की कथा

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति से जुड़ी कथा बेहद रोचक है। प्राचीन काल में देवर्षि नारद जी विंध्य पर्वत पर शिवोपासना करते हुए पहुँचे। विंध्य पर्वत ने नारद जी का आदरपूर्वक स्वागत किया और विनम्रता से पूछा, “भगवान, मेरी क्या सेवा हो सकती है?” लेकिन विंध्य पर्वत की बातों में अहंकार झलक रहा था, जिसे देखकर नारद जी ने उसे सबक सिखाने का निश्चय किया। नारद जी ने कहा, “तुम सर्वश्रेष्ठ नहीं हो, क्योंकि तुम्हारे शिखर सुमेरु पर्वत के समान ऊँचाई तक नहीं पहुँचते।” नारद जी की ये बातें सुनकर विंध्य पर्वत को आत्मग्लानि हुई और उसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या करने का निश्चय किया।
विंध्य पर्वत की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उसे दर्शन दिए। भक्तिभाव में डूबे विंध्य ने शिव जी से वरदान माँगा, जिसे शिव जी ने स्वीकार किया। जिस स्थान पर विंध्य पर्वत ने तपस्या की थी, वहाँ की प्राकृतिक संरचना ‘ओम’ के आकार में है, जो इसे अद्वितीय बनाता है। इसी कारण इस ज्योतिर्लिंग का नाम ‘ओंकारेश्वर’ पड़ा।
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ओंकारेश्वर का प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्त्व

विंध्य पर्वत की अद्वितीय प्राकृतिक संरचना और इसकी धार्मिक महिमा पर्यटकों और तीर्थयात्रियों दोनों को आकर्षित करती है। यहाँ स्थित ओंकारेश्वर शिव मंदिर के अलावा, नर्मदा नदी के दक्षिणी तट पर ममलेश्वर महादेव का मंदिर भी स्थित है। यह स्थान हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए विशेष पवित्र माना जाता है, और हर साल हजारों भक्त यहाँ आते हैं।
ओंकारेश्वर के प्राचीन स्थल पर स्थित मार्कंडेय आश्रम में अन्नपूर्णा मंदिर है, जहाँ महाकाली, सरस्वती और दुर्गा की मूर्तियों के साथ भगवान विष्णु का विराट रूप भी दर्शन योग्य है। इसके अलावा, गौरी सोमनाथ के प्रसिद्ध शिव मंदिर की कई पौराणिक कथाएँ भी इस स्थल को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती हैं। यहाँ स्थित सिद्धनाथ मंदिर की बारहद्वारी अपनी कलात्मकता के लिए जानी जाती है, जो पत्थरों पर उकेरी गई कविता के समान है।
ओंकारेश्वर: ब्रह्मपुरी और विष्णुपुरी
ओंकारेश्वर शिव मंदिर के दक्षिणी तट पर ब्रह्मा और विष्णु के मंदिर भी स्थित हैं, जिन्हें क्रमशः ‘ब्रह्मपुरी’ और ‘विष्णुपुरी’ कहा जाता है। यह स्थान धर्म और संस्कृति का अद्भुत संगम है। यहाँ नर्मदा और कावेरी नदियों का संगम भी देखने योग्य है, जहाँ कावेरी नदी नर्मदा में मिलकर एक विशेष प्राकृतिक संरचना बनाती है। इस संगम पर स्थित आशापुरी और सिद्धनाथ राजमहल भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
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नर्मदा के तट का सौंदर्य

नर्मदा नदी के किनारे स्थित ओंकारेश्वर का प्राकृतिक सौंदर्य अविस्मरणीय है। यहाँ के जल में मत्स्य और अन्य जलचर जीवों की क्रीड़ाएँ देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। यहाँ का सौंदर्य न केवल प्राकृतिक रूप से आकर्षक है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी मन को शांति प्रदान करता है। यहाँ आने वाले पर्यटक और तीर्थयात्री इस स्थल की अद्वितीयता और धार्मिक महत्त्व को अनुभव करते हैं।
सुविधाएँ और आवास
ओंकारेश्वर में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के ठहरने के लिए धर्मशालाओं की भी सुविधा उपलब्ध है। यह स्थान न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक यात्रा का केंद्र है, बल्कि उन सभी के लिए भी एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है जो प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता की खोज में आते हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा, इसके धार्मिक महत्त्व और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यह तीर्थ स्थल हिन्दू धर्म में एक प्रमुख स्थान रखता है। भक्त यहाँ आकर आत्मिक शांति और दिव्य अनुभव प्राप्त करते हैं, जो उन्हें जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है।
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महत्वपूर्ण जानकारियां – Information
State: Madhya Pradesh
Country: India
Nearest City/Town: Khandwa
Best Season To Visit: October – February
Temple Timings: Morning: 5:00 am – 3:30 pm and 4:15 pm – 9:30 pm
Photography: Not Allowed
Entry Fees: Free
कैसे पहुचें – How To Reach
Nearest Railway: Omkareshwar Road Railway Station
Air: The nearest airport is Devi Ahilyabai Holkar Airport
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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सामग्री विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसे केवल जानकारी के रूप में लिया जाना चाहिए। ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है | adhyatmiaura.in इसकी पुष्टि नहीं करता |
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