पक्षी तीर्थ: एक अद्भुत शिव मंदिर

पक्षी तीर्थ: एक अद्भुत शिव मंदिर

दक्षिण भारत के प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक ‘पक्षी तीर्थ’, भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है। यहाँ हर मंदिर किसी न किसी रूप में शिव से जुड़ा हुआ है, और इस स्थान पर शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। पक्षी तीर्थ का असली नाम ‘तिरुक्कलुकोंड्रम’ है, जो विशेष रूप से उन दो पवित्र पक्षियों के कारण प्रसिद्ध है, जो यहाँ नियमित रूप से आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।

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तिरुक्कलुकोंड्रम: शिव और शक्ति की कथा

पक्षी तीर्थ से जुड़ी पौराणिक कथा बताती है कि प्राचीन समय में दक्षिण भारत में दो भाई रहते थे, जिनमें से एक शिव का और दूसरा शक्ति का परम भक्त था। दोनों अपनी-अपनी भक्ति में इतने लीन थे कि एक दिन यह बहस शुरू हो गई कि शिव और शक्ति में से कौन अधिक महान है। शिव-भक्त भाई ने कहा कि शिव सबसे महान हैं और सभी देवी-देवता उनकी पूजा करते हैं, जबकि शक्ति-भक्त भाई इसे स्वीकार नहीं कर सका। बात बढ़ते-बढ़ते इतनी गंभीर हो गई कि दोनों के बीच जबरदस्त विवाद हो गया।

इस विवाद को समाप्त करने के लिए स्वयं भगवान शिव को प्रकट होना पड़ा। शिव ने दोनों भाइयों को समझाने का प्रयास किया कि शिव और शक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं और उनमें कोई भेद नहीं है। लेकिन दोनों भाई अपनी जिद पर अड़े रहे और अपने-अपने आराध्य को श्रेष्ठ बताने लगे। इससे शिवजी को क्रोध आ गया और उन्होंने दोनों भाइयों को शाप दिया कि वे अगले जन्म में पक्षी के रूप में जन्म लेंगे।

पक्षी के रूप में जन्म और तपस्या

शिवजी के शाप के बाद दोनों भाइयों को अपनी गलती का एहसास हुआ और वे गहराई से पश्चाताप करने लगे। उन्होंने शिव की आराधना शुरू की और कठिन तपस्या की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने फिर से दर्शन दिए और उन्हें आशीर्वाद दिया कि द्वापर युग के अंत में उनका शाप समाप्त हो जाएगा और वे फिर से मनुष्य योनि में लौट आएंगे।

लेकिन अपनी जिद्दी प्रवृत्ति के कारण, दोनों भाइयों ने शिवजी से तुरंत शाप से मुक्त होने की प्रार्थना की। शिवजी ने उनकी यह माँग अस्वीकार करते हुए उन्हें शाप दिया कि वे कलियुग के अंत तक पक्षी के रूप में ही रहेंगे। तभी से माना जाता है कि तिरुक्कलुकोंड्रम के ये पवित्र पक्षी, वही दोनों भाई हैं जो शिवजी के शाप के कारण पक्षी बने हुए हैं।

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पक्षी तीर्थ का चमत्कार

पक्षी तीर्थ के दर्शन के लिए भक्तों को वेदगिरि की 500 फीट ऊँची पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता है। हर दिन दोपहर के बारह बजे यहाँ दो पवित्र पक्षी आते हैं, जिन्हें ‘पक्षीराज’ कहा जाता है। कहते हैं कि ये पक्षी रोज़ सुबह वाराणसी में स्नान करते हैं, फिर रामेश्वरम् में पूजा करते हैं और इसके बाद तिरुक्कलुकोंड्रम आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके बाद वे विश्राम करने के लिए चिदंबरम चले जाते हैं।

जब ये पक्षी आसमान में उड़ते हुए मंदिर की ओर आते हैं, तो वहाँ उपस्थित सभी श्रद्धालु ‘पक्षीराज की जय’ का जयकारा लगाते हैं। मंदिर के पुजारी इनके लिए पोंगल प्रसाद तैयार रखते हैं, जिसे ये पक्षी बड़े ही शांतिपूर्ण ढंग से ग्रहण करते हैं। पक्षियों द्वारा छोड़े गए प्रसाद को भक्तों में बाँट दिया जाता है, जिसे भक्त बहुत श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।

तीर्थ की यात्रा का अनुभव

पक्षी तीर्थ की यात्रा भक्तों के लिए एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव होता है। पहाड़ी की चढ़ाई के दौरान श्रद्धालु ‘पक्षीराज की जय’ के नारे लगाते हुए ऊपर जाते हैं। पहाड़ी के ऊपर पहुँचने पर समुद्र के किनारे महाबलिपुरम् के प्राचीन मंदिर भी स्पष्ट दिखाई देते हैं, जो दृश्य को और भी मनोहारी बनाते हैं।

तिरुक्कलुकोंड्रम की पहाड़ी से जो प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है, वह हर श्रद्धालु के दिल में असीम शांति और संतोष भर देता है।

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पवित्र पक्षियों के दर्शन की महिमा

यह माना जाता है कि जिन भक्तों को इन पवित्र पक्षियों के दर्शन होते हैं, वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। पक्षी तीर्थ आने वाले हर भक्त का यह सपना होता है कि वे इन पवित्र पक्षियों को देखकर अपने जीवन को धन्य कर सकें। इन पक्षियों के दर्शन और प्रसाद ग्रहण करने की परंपरा तिरुक्कलुकोंड्रम की आध्यात्मिकता और इसकी चमत्कारी महिमा का प्रतीक है।

पक्षी तीर्थ का यह शिव मंदिर, भगवान शिव और उनके भक्तों के बीच के विशेष संबंध को दर्शाता है और हर भक्त को यह संदेश देता है कि सच्ची भक्ति से ही भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

महत्वपूर्ण जानकारियां – Information
State: Tamil Nadu
Country: India
Nearest City/Town: Kanchipuram
Best Season To Visit: between October to February
Temple Timings: Morning: 8:00 am – 8:00 pm
Photography: Not allowed
Entry Fees: Free

कैसे पहुचें – How To Reach
Road: A direct bus to Chennai is available from all regions of Tamil Nadu and neighboring states
Nearest Railway: Chengalpattu railway station
Air: The nearest airport is Chennai Airport

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सामग्री विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसे केवल जानकारी के रूप में लिया जाना चाहिए। ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है | adhyatmiaura.in इसकी पुष्टि नहीं करता |

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