तीर्थराज पुष्कर, राजस्थान: ब्रह्माजी का मंदिर

तीर्थराज पुष्कर, राजस्थान: ब्रह्माजी का मंदिर

राजस्थान की धरती वीर राजपूत योद्धाओं की कहानियों से सजी है। यहाँ के ऐतिहासिक किले और शिल्पकला अद्वितीय हैं, जो इस भूमि की गौरवशाली विरासत की याद दिलाते हैं। इसी धरती पर स्थित है तीर्थराज पुष्कर, जिसे धार्मिक महत्त्व के कारण प्रयाग के समान पवित्र माना जाता है। यह स्थान न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका धार्मिक महत्त्व भी इसे अद्वितीय बनाता है।

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पुष्कर का पौराणिक महत्त्व

पुष्कर के बारे में एक पुरानी लोक-मान्यता है कि एक बार भगवान ब्रह्मा यज्ञ के लिए किसी पवित्र भूमि की तलाश कर रहे थे। उनकी तपस्या के दौरान, उनके हाथ से कमल का एक फूल गिरा। जहाँ यह फूल गिरा, वहाँ एक जल स्रोत प्रकट हुआ और वह स्थान एक झील के रूप में परिवर्तित हो गया। इसी पवित्र झील के किनारे ब्रह्माजी का मंदिर स्थापित है, जिसे देखने हजारों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ आते हैं।

तीन ओर से पहाड़ियों से घिरे इस नगर में लगभग 400 मंदिर हैं। इनमें सबसे प्रमुख ब्रह्माजी का मंदिर है। मान्यता है कि हर साल कार्तिक माह की एकादशी से पूर्णिमा तक यहाँ सभी देवी-देवता निवास करते हैं, और इन दिनों में झील में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है। यही वजह है कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

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ऐतिहासिक धरोहर और साहित्यिक योगदान

पुष्कर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व भी अत्यधिक है। ऐसा माना जाता है कि महान संस्कृत कवि कालिदास ने यहाँ आकर अपनी प्रसिद्ध कृति ‘अभिज्ञान शाकुंतलम्’ की रचना की थी। इसके अलावा, ऐतिहासिक साक्ष्य बताते हैं कि 11वीं शताब्दी में शाकंभरी के प्रसिद्ध चौहान राजा अजयदेव ने ‘अजय मेरु’ को बसाया, जो आज अजमेर के नाम से प्रसिद्ध है। अजमेर से मात्र 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुष्कर अरावली पर्वत श्रृंखला की खूबसूरत घाटी में बसा है।

दर्शनीय स्थल

पुष्कर सरोवर और घाट

पुष्कर सरोवर के चारों ओर 52 घाट हैं, जहाँ श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। सरोवर के चारों ओर बने मंदिर और राजाओं के विश्राम स्थल इसे और भी भव्य बना देते हैं। पुष्कर की घाटी की ठंडी हवा, मंदिरों से आती धूप-अगरबत्ती की सुगंध, और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता इसे एक दिव्य अनुभव प्रदान करती है। हालाँकि, यहाँ फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।

प्रमुख मंदिर

पुष्कर के प्रमुख मंदिरों में ब्रह्माजी का मंदिर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यहाँ ब्रह्माजी की चार मुखों वाली प्रतिमा स्थापित है, जो दर्शनार्थियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा, रत्नगिरि पहाड़ी पर उनकी पत्नी सावित्रीजी का भी एक प्रसिद्ध मंदिर है। राम बैकुंठ मंदिर और रंगजी मंदिर भी दर्शनीय हैं, जो अपनी अद्वितीय शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध हैं।

पुष्कर मेला: एक सांस्कृतिक धरोहर

प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पुष्कर में विश्व प्रसिद्ध मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्त्व है। दूर-दराज के गाँवों के लोग यहाँ आकर झील में स्नान कर पुण्यलाभ प्राप्त करते हैं और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

मेले में आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण होते हैं। यहाँ राजस्थान के पारंपरिक नृत्य जैसे कालबेलिया, घूमर और लोकसंगीत के कार्यक्रम होते हैं, जो शाम के समय चाँदनी रात में चार चाँद लगा देते हैं। राजस्थान के प्रसिद्ध लोक कलाकारों की प्रस्तुतियाँ इस आयोजन को और भी खास बना देती हैं।

पशु मेला

पुष्कर मेला अपने विशाल पशु मेले के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ गाय, बैल, ऊँट, और बकरियों की खरीद-फरोख्त होती है। ऊँटों के नृत्य और ऊँटगाड़ी की सवारी विशेष आकर्षण का केंद्र होती है। रंग-बिरंगे परिधानों से सजे हुए पशु मेले की शोभा बढ़ाते हैं। यहाँ का ग्रामीण जीवन, खाने-पीने की चीज़ें, और सांस्कृतिक धरोहर पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

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विशेष जानकारी और सेवाएँ

पुष्कर में आने वाले पर्यटक स्थानीय सफारी का भी आनंद ले सकते हैं। यहाँ रेत के टीलों पर रोमांचक सफारी का आयोजन किया जाता है, जिसमें ग्रामीण जीवन और संस्कृति की झलक मिलती है। इस दौरान पर्यटकों के लिए खाने-पीने और ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था की जाती है।

पुष्कर की जानकारी के लिए आर.टी.डी.सी. का पर्यटन सूचना केंद्र भी उपलब्ध है। आप पुष्कर से जुड़ी विशेष जानकारी उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण जानकारियां – Information
State: Rajasthan
Country: India
Nearest City/Town: 
Ajmer 
Best Season To Visit: November to February
Temple Timings: Morning: 6:00 am – 9:00 pm
Photography: Not Allowed
Entry Fees: Free

कैसे पहुचें – How To Reach
Road: Connected via Pushkar road (Highway 58)
Nearest Railway:
 Ajmer Railway Station
Air: The nearest airport is Sanganer Airport in Jaipur

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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सामग्री विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसे केवल जानकारी के रूप में लिया जाना चाहिए। ये सभी बातें मान्यताओं पर आधारित है | adhyatmiaura.in इसकी पुष्टि नहीं करता |

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